बदरंग हो चुके विद्यालय में फिर लौट रही रौनक; जानकर आप भी कहेंगे, ” वाह मुखिया जी वाह”

औरंगाबाद: ओबरा प्रखंड स्थित राजकीय कृत तिलक मध्य विद्यालय के भवन पर दो वर्ष पूर्व चक्रवर्ती तूफान आने से विशाल बरगद का पेड़ गिरने के कारण प्रधानाध्यापक कार्यालय, चहारदीवारी, किचन, शौचालय तथा चापाकल पूरी तरह ध्वस्त हो चुका था। शायद यही कारण था कि सैंकड़ों बच्चों की उपस्थिति के बाद भी विद्यालय न सिर्फ पूर्ण रूप से बदरंग दिखता था। बल्कि इस विद्यालय में पढ़ रहे दो सौ से अधिक बच्चियों के लिए चहारदीवारी युक्त शौचालय का न होना शिक्षा विभाग के इस सरकारी सिस्टम के लिए किसी सरदर्द से कम नहीं था। क्योंकि, प्रायः आस – पास से गुजर रहे लोगों को देखकर छात्राएं असुरक्षित महसूस करती थीं।

वैसे तो इस घटना को दो वर्ष बीत चुके थे। विद्यालय प्रशासन भी अपनी ओर से तमाम कोशिशों के बावजूद जैसे – तैसे चप्पाकल मरम्मती और छोटे – मोटे कामों से ज्यादा कुछ नहीं कर सकी थी।

चहारदीवारी के अभाव में विद्यालय में हुई चोरी, असामाजिक युवाओं ने फहरा दिया था उल्टा झंडा

प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले दो वर्ष के भीतर चहारदीवारी नहीं होने के कारण विद्यालय में दो बार चोरी की घटना को अंजाम दिया गया। वहीं कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा मौका देखकर विगत गणतंत्र दिवस के दिन भी सीधे फहर रहे राष्ट्रीय ध्वज को उल्टा कर फहराया गया। जिसके बाद हरकत में आई खुदवां थाना की पुलिस ने उन असामाजिक तत्वों को चिन्हित कर बाल सुधार गृह भेज दिया था।

मुखिया रागनी देवी के दृढ़ निश्चय के बाद हो रहा विद्यालय का कायाकल्प

विद्यालय में हुए लगातार चोरी की घटनाओं एवं छात्राओं तथा शिक्षकों को आए दिन हो रही परेशानियों की सूचना मिलने पर मुखिया रागनी देवी ने पंचम वित आयोग का सीधा लाभ चार सौ पैंतीस छात्रों को दिया है। जानकारी देते हुए मुखिया प्रतिनिधि आलोक कुमार मुन्ना ने बताया कि ग्रामीणों द्वारा लगातार सूचना मिल रही थी कि चाहरदिवारी के अभाव में आए दिन विद्यालय में चोरी की घटना घटित हो रही है। वहीं विद्यालय में पढ़ रही छात्राओं को भी खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिसपर लगभग छः लाख रुपए की प्राक्कलित राशि से विद्यालय में चहारदीवारी और फाइबर ब्लॉक का कार्य कराया जा रहा है। उक्त विद्यालय में पढ़ रहे बच्चे हम सब के घर के बच्चे हैं उनकी शिक्षा में वे संसाधनों का अभाव नहीं होने देंगे।

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